जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने फाइल की चार्जशीट, राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम शामिल

By: Shilpa Tue, 09 Jan 2024 1:46:17

जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने फाइल की चार्जशीट, राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम शामिल

नई दिल्ली। नौकरी के बदले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार 09 जनवरी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी की ओर से दायर की गई 4751 पन्नों की चार्जशीट में अपराध का सारा ब्योरा है। चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव, हृदयानंद चौधरी समेत अमित कत्याल का नाम शामिल है।

ईडी ने चार्जशीट में दो फर्मों को भी आरोपी बनाया है। राउज़ ऐवन्यू कोर्ट 16 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई करेगा। ईडी की इस मामले में पहली चार्जशीट है जबकि सीबीआई 3 चार्जशीट फाइल कर चुकी है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

मामले की जांच जारी, दाखिल होगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट

इसके अलावा ईडी ने कोर्ट में ये भी बताया कि इस मामले में जांच अभी भी जारी है और आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। फिलहाज जो चार्जशीट दाखिल की गई है वो 4751 पेज की है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव से कथित तौर पर जुड़े अमित कात्याल को जांच एजेंसी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हिरासत में लिया था।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ईडी ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के साथ हृदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है। जांच एजेंसी ने दो फर्मों, एबी एक्सपोर्ट और एके इंफोसिस्टम्स पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है।

बताया जा रहा है कि स्पेशल सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी को आदेश दिया है कि वो आज ही आरोप पत्र और सभी दस्तावेजों की ई-प्रति कोर्ट में दाखिल करें।

सीबीआई कोर्ट ने मामले में 16 जनवरी 2024 को सुनावई के लिए सूचीबद्ध किया है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन और अधिवक्ता इशान बैसला ने अदालत को बताया कि पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्य इस अपराध से हुई आय के लाभार्थी हैं।

इस पूरे प्रकरण में जांच एजेंसी ने अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है और सीबीआई द्वारा उनकी फर्म पर भी आरोप पत्र दायर किया गया था। कत्याल लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। वहीं अन्य आरोपियों को बिना गिरफ्तारी के ही नाम शामिल किया है।

सीबीआई द्वारा एके इंफोसिस्टम्स के प्रमोटर कारोबारी अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद 23 नवंबर 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उन्हें कथित तौर पर नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के साथ लेनदेन में शामिल होने के आरोपी अमित कात्याल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

इससे पहले कात्याल के वकीलों ने कहा था कि मूल एफआईआर 18 मई 2022 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई थी और लेनदेन की अवधि 2004-09 है। इसे लेकर ईडी ने 16 अगस्त 22 को ईसीआईआर दर्ज कराई थी। कात्याल के वकील ने दलील दी कि सीबीआई ने जांच पूरी कर ली है और कत्याल को गवाह के रूप में पेश किया गया है। इस कारण से उनकी गिरफ्तारी अवैध है और धारा 19 के विपरीत है।

वहीं अगर ईडी की बात करें तो उसके अनुसार मार्च महीने में मिली खुफिया जानकारी के आधार पर रेलवे लैंड फॉर जॉब घोटाले में दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची के 24 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप बेहिसाब नकदी की बरामदगी हुई। छापेमारी में 1 करोड़ रुपये, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की बुलियन और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण जिनकी कीमत लगभग 1.25 करोड़ रुपये है। उसके साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज, बिक्री विलेख भी बरामद हुआ है।

जांच में यह बात सामने आयी है कि लालू यादव के परिवार के सदस्यों और बेनामीदारों के नाम विशाल भूमि बैंक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पाये गये हैं। ईडी ने कहा कि तलाशी के परिणामस्वरूप अबी तक मामले में 600 करोड़ रुपये की अपराध आय का पता चला है, जो 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से 250 करोड़ रुपये के लेनदेन के रूप में है।

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